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कंगना रनौत ने जागदीप धनखड़ के इस्तीफे पर दी प्रतिक्रिया, बीजेपी ने जताई कृतज्ञता

कंगना रनौत

नई दिल्ली, 22 जुलाई 2025: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद और पूर्व अभिनेत्री कंगना रनौत ने उपराष्ट्रपति जागदीप धनखड़ के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम उनके द्वारा देश और संसद को दिए गए समय और सेवा के लिए आभारी हैं। हमेशा उनके इस योगदान के लिए कृतज्ञ रहेंगे।” यह बयान ऐसे समय में आया है जब धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से अचानक इस्तीफा दे दिया, जो भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना बन गई है।

जागदीप धनखड़, जो 2022 से उपराष्ट्रपति के पद पर थे, ने सोमवार को राज्यसभा की मानसून सत्र की पहली बैठक की अध्यक्षता करने के बाद अपना इस्तीफा सौंपा। 74 वर्षीय धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, जिसके बाद वे पूरे पांच साल का कार्यकाल पूरा किए बिना पद से हटने वाले सातवें उपराष्ट्रपति बन गए। इससे पहले, मार्च में उन्हें असुविधा और छाती में दर्द की शिकायत के बाद अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया था, और पिछले महीने नैनीताल विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान वे मंच से उतरते समय बेहोश हो गए थे।
धनखड़ के इस्तीफे ने आगामी उपराष्ट्रपति चुनाव और भारतीय राजनीतिक परिदृश्य पर असर डालने की संभावना जताई है। विशेष रूप से, उन्होंने राज्यसभा में न्यायाधीश वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का उल्लेख किया था, जो उनके कार्यकाल के दौरान एक विवादास्पद मुद्दा रहा। कंगना रनौत का बयान बीजेपी की ओर से धनखड़ के योगदान को मान्यता देने का एक प्रयास लगता है, भले ही उनका इस्तीफा अचानक और अप्रत्याशित रहा हो।
कंगना रनौत, जो अपनी बेबाक राय और दक्षिणपंथी विचारधारा के लिए जानी जाती हैं, हाल के वर्षों में कई विवादास्पद बयानों के कारण सुर्खियों में रहीं हैं। हालांकि, बीजेपी ने बार-बार स्पष्ट किया है कि उनके बयान पार्टी की आधिकारिक नीति का हिस्सा नहीं हैं। उदाहरण के लिए, किसान आंदोलन पर उनकी टिप्पणियों के बाद पार्टी ने उनसे दूरी बनाई थी, यह कहते हुए कि वे पार्टी की नीतियों पर टिप्पणी करने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इसके बावजूद, धनखड़ के इस्तीफे पर उनका बयान पार्टी की ओर से एक औपचारिक प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
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धनखड़ के इस्तीफे के बाद, राज्यसभा के उपाध्यक्ष अब दिन-प्रतिदिन के कार्य संभालेंगे, जब तक कि नया उपराष्ट्रपति चुना नहीं जाता। संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत, यह व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि धनखड़ के इस्तीफे से बीजेपी और विपक्ष के बीच सत्ता संतुलन में बदलाव आ सकता है, खासकर राज्यसभा में जहां धनखड़ की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
कंगना रनौत का बयान, जो धनखड़ के योगदान को याद करता है, बीजेपी की उस रणनीति का हिस्सा लगता है जो पार्टी के भीतर एकता और अनुशासन को बनाए रखने की कोशिश करती है, भले ही व्यक्तिगत सदस्यों के बयान विवादास्पद हों। धनखड़ के इस्तीफे और कंगना के बयान के बीच यह जटिल गतिशीलता भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकती है, जहां नेतृत्व, स्वास्थ्य और पार्टी की नीतियों के बीच संतुलन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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