बिहार में बेरोजगारी की भयावहता और युवा कांग्रेस का ‘महारोजगार मेला’
पटना: भारतीय युवा कांग्रेस (IYC) द्वारा पटना में आयोजित ‘महारोजगार मेले’ में उमड़ी युवाओं की भारी भीड़ ने एक बार फिर बिहार में बेरोजगारी की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है। जयपुर और दिल्ली में ऐसे ही सफल आयोजनों के बाद, युवा कांग्रेस का यह तीसरा प्रयास था जिसका उद्देश्य योग्य युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
युवा कांग्रेस के आधिकारिक हैंडल @IYC ने सोशल मीडिया पर इस भीड़ की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “पटना में युवा कांग्रेस के महारोजगार मेले में जुटी युवाओं की ये भारी भीड़ इस बात का साफ सबूत है कि बिहार में बेरोजगारी सबसे गंभीर समस्या है।” यह टिप्पणी राज्य में व्याप्त रोजगार संकट की गंभीरता को रेखांकित करती है, जहां लाखों युवा नौकरियों की तलाश में भटक रहे हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है यह महारोजगार मेला ?
यह महारोजगार मेला ऐसे समय में आयोजित किया गया है जब बिहार में रोजगार सृजन एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दा बना हुआ है। सरकारी आंकड़ों और जमीनी हकीकत दोनों यह दर्शाते हैं कि राज्य में पर्याप्त संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध नहीं हैं, जिससे शिक्षित और प्रशिक्षित युवा भी बेरोजगार रहने को मजबूर हैं। ऐसे में, युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित इस तरह के मेले, भले ही एक छोटे स्तर पर हों, युवाओं को कुछ हद तक राहत और उम्मीद प्रदान करते हैं।
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युवाओं की उम्मीदें और सरकार की चुनौतियां
मेले में आए युवाओं में इंजीनियर, ग्रेजुएट और विभिन्न तकनीकी क्षेत्रों से जुड़े लोग शामिल थे, जो अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी पाने की उम्मीद लिए पहुंचे थे। उनकी संख्या यह बताती है कि सिर्फ सरकारी नौकरियों पर निर्भरता ही समाधान नहीं है, बल्कि निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने की आवश्यकता है।
यह आयोजन बिहार सरकार के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है कि बेरोजगारी की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल करने की आवश्यकता है। केवल घोषणाएं या वादे ही पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि ठोस कदम उठाने होंगे ताकि राज्य के युवाओं को उनके सपनों को पूरा करने का अवसर मिल सके।
युवा कांग्रेस का यह प्रयास, जहां एक ओर युवाओं को सीधे तौर पर रोजगार के अवसर प्रदान करने की कोशिश है, वहीं दूसरी ओर यह राज्य और केंद्र सरकारों पर रोजगार सृजन के लिए दबाव बनाने का भी एक तरीका है। यह देखना बाकी है कि इस तरह के आयोजनों का बिहार की रोजगार परिदृश्य पर क्या दीर्घकालिक प्रभाव पड़ता है।
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